नजरिए में नजरिया बा!
नजरिए में नजरिया बा!सनिचर अउर अतवार की दिने, दिन उगले ले खटिया तुड़े के आदति बा। आखिर सनिचर, अतवार छुट्टिए रहेला अउर केहू जगावहूँवाला चाहें घोंघिआएवाला नइखे ए से आदत खराब हो गइल बा। ओई दिन तनी सँवकेरे...
View Articleविकास का ह???
मनुस जब से आइल बा, विकास के बात क रहल ह,पक्का रोड, बिल्डिंग, नया-नया फैसनरोज बन रहल बा,विकास खाली लउकेवाला चीजन में पैर पसरले बा,मनवा त मने-मने, गोंते-गोंते रसातल में जा रहल बा।विकास के परिभासा,...
View Articleतूँ
जिनगी फूल ह अउर परेम ओकर सुगंधजिनगी की बगिया में हजार फूल खिले त का,ओ में तोहार खुसबू जरूरी बा,अकेले हम ना काटि पाईबि जिनगी के रास्ता,हर कदम पर तोहार साथ निभावल जरूरी...
View Articleदुनिया
दुनिया बहुते अजीब होले,दिमाग से दुरुस्त अउर दिल के मरीज होले।भटकले लोग राह देखावेला,अधरमी धरम के पाठ पढ़ावेला,गुंडा, मवाली परतिस्ठा पावेला।अमितजी, खानन के बात पर दुनिया मर मिटे ले,इ लोगन की बातन पर...
View Articleसाहब से सब होत....
भगति काल के महान संत कबीर दासजी के एगो रचना बा की, ‘साहब से सब होत ह, बंदे ते कछु नाहिं, राई ते परबत करें.....’। उहाँ का एकदम सही लिखले बानी, सब करे वाला, करावे वाला राम, भगवान। खैर पर आजु कल के जवन...
View Articleगुरु के?
राम-राम पाठक महानुभाव लोगीं। ‘गुरु के’ए विसय पर चरचा कइले से पहिले आईं सभे गोस्वामी तुलसीदासजी महराज की मुखारबिंद से गुरु के बंदना क लेहल जाव---बंदउँ गुरु पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि।महामोह तम पुंज...
View Articleबात के बतंगड़
बात के बतंगड़ बनावल करS, असली मुद्दन से समाज के भटकावल करS। आजुकल जे जहाँ बा, उहवें अझुराइल बा, कुछ लोग कामों में अझुराइल बा पर अधिका लोग बाति खोजला में। इहाँ अधिका के मतलब अधिका से नइखे, जेयादातर से...
View Articleअनासे........1
पिज्जा खा, चिलगम चबा, पर माई-बापो खातिर नून-रोटियो के त जोगाड़ करS,कार में घूमS, पिकनिक मनावS, पर माई-बाप के कम से कम गंगा त नहवावS,पहिनS सूट, करिया चस्मा लगावS, पर माई बाप के कमदमाहे धोती-लुग्गे त...
View Articleअनासे......2
मनवा में बसल बा तोहरे सुरतिया,कटले से कटत नइखे दिनवा अउ रतिया।अंखिया से लोर चुवे, हियरा हहराला,सखियन के बतिया, जहरे बुझाला।जड़वा में देहियां बोखारे तपतपाता,चिठिया तोहार अब पढ़ले न पढ़ाता।आ के एक बेर...
View Articleअनासे......3
आइल बा फगुनवा रे सखियाआइल बा फगुनवा रे सखियाआऊ कइल जाव दिल के बतिया, रे सखिया।सइयां गइने परदेसवा रे सखिया,आवे उनकर बड़ी इयदिया रे सखिया,मनमोहन बाबा गइनें, मोदी काका अइनें, रे सखिया,तबो ना मिटल दिल के...
View Articleकब मिली माईभाखा भोजपुरी के दरजा???
ए में कवनो दुराय नइखे की माईभाखा भोजपुरी के बचावे खातिर, माई के खोवल मान-सनमान दिआवे खातिर, माई के एकरी सही जगह पर सोभित करावे खातिर केतने भोजपुरिया संस्था, लोग, नेता, अभिनेता, पतरिका आदि पुरजोर कोसिस...
View Articleआज की राजनीतिक हालात पर एगो कबिता - पारटी
पारटी,टूटिहेंसन, बनिहेंसन,एक-दूसरे में गुथमगुथा करिहेंसन,कबो दुस्मनी त कबो दोस्ती निबहिहेंसन,कबो सरकार गिरइहेंसन, त कबो बनइहेंसन,चोर, भस्टाचारी नेता, एक पार्टी से दूसरे में कूदिहेंसन,अच्छाई के दोहाई...
View Articleकिर्ती अमर रहेला। अनुकरनीय परसंग - 1
किर्ती अमर रहेला। अनुकरनीय परसंग - 1-----------------------------------------------लड़ाई की मैदान में पिरथीराज चउहान मूर्छित अउर घायल पड़र रहने। आस-पास के जगहि घायल सैनिकन से पटल रहे। पिर्थीराज की...
View Articleभारत भाग बिधाता?
कहीं मूल जरूरत भी पूरा नइखे होत, अउर कहीं सुविधा गँजा जातानीसन।इ देस के दुर्भाग्य बा की हमनी जान अपना के विकसित देसन की कटेगरी में मानि के विकास आदि भी ओही अस्तर के कइल चाहतानी जाँ अउर इ भुला जा तानी...
View Articleहोरी आई रे आई.......होरी आई रे...पेस बा कुछ जोगीर्रा......
रंग खेलS, रंग डालS, रंगे-रंग में बोलS-बतिआवS, छोड़ पुरनका झगरा-झंझटि, दिल से दिल मिलावS....... जोगीर्रा सरररररर.....सलादे में मुरई के, डलियन में कुरई के,परीछा में नकल के, फेसबुक पर बिना अकल के बा बहुते...
View Articleराजनीती बखूबी आपन काम क रहल बा अउर रउआँ?
भाखा, संस्क्रिति, विकास, सुख-सांति खातिर रजनीती के चिखुरी के, खरहरे से बहारी के कउड़ा में डालि दीं।राजनीती हो रहल बा, हर घर से ले के नुक्कड़ ले, चउराहा पर पान, चाह-पकउड़ी की दुकान से ले के संसद ले।...
View Articleखाली बिहार के नकले लउकता, अउर कुछ ना?
आखिर काहें नकल खातिर जान जोखिम मेंहर जगहि एक्के बाति, मीडिया, समाचार पतरन से ले के सोसल मीडिया पर भी आजु कल खालि एक्के गो बाति के बोलबाला बा की बिहार में खूब नकल हो रहल बा। नकलचियन अउर नकल करावे वाला...
View Articleजहिया कलम तलवार बन जाई
जहिया कलम तलवार बन जाई,माई-भाखा स्वाभिमान बन जाई,एक सुर में लोग माईभाखा के गुन गाई,तब्बे माईभाखा के नीमन दिन आई।---------------------------------अच्छा दिन आवेला ना, लिआवे के परेला,हाथ पर हाथ धइले से का...
View Articleअपनन की बीच ढिमलात, लतिआवल जात भोजपुरी
जवन समाज अपनी भाखा के उपेछित क देला उ समाजो उपेछित हो जाला अउर बिना पेंदी की लोटा की तरे उ समाज एन्ने से ओन्ने ढिमलात आपन अस्तित्वे खोजत में बिला जाला। समय निकलि गइले की बाद ओ समाज के कहीं कवनो जिकिरो...
View Articleफेवर
फेवर गलत ना होला पर फेवर, फेवर की तरे होखे के चाहीं। आजुकल लोग-बाग, नेती-नुती, मंतरी-संतरी लोग खूब फेवर, फेवर खेलता। पर एइसन फेवर से बचे के चाहींजवन समाज, देस की हित में ना होखे पर का कइल जा सकेला,...
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