मनवा में बसल बा तोहरे सुरतिया,
कटले से कटत नइखे दिनवा अउ रतिया।
अंखिया से लोर चुवे, हियरा हहराला,
सखियन के बतिया, जहरे बुझाला।
जड़वा में देहियां बोखारे तपतपाता,
चिठिया तोहार अब पढ़ले न पढ़ाता।
आ के एक बेर तूँ सपनवा के सजा द,
हम जोगनी के तूँ मँगिया सजा द।
फेनु ध लिहS तूँ पुने के डगरिया,
हम रहि जाईब अपनी बाबुल की नगरिया।
अउर कवनो चाह नइखे, ना कवनो उलहनो,
सजल बानी सजना खातिर, सजल बा नयनवो।
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जय-जय माईभाखा। जय-जय भोजपुरिया समाज।
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कटले से कटत नइखे दिनवा अउ रतिया।
अंखिया से लोर चुवे, हियरा हहराला,
सखियन के बतिया, जहरे बुझाला।
जड़वा में देहियां बोखारे तपतपाता,
चिठिया तोहार अब पढ़ले न पढ़ाता।
आ के एक बेर तूँ सपनवा के सजा द,
हम जोगनी के तूँ मँगिया सजा द।
फेनु ध लिहS तूँ पुने के डगरिया,
हम रहि जाईब अपनी बाबुल की नगरिया।
अउर कवनो चाह नइखे, ना कवनो उलहनो,
सजल बानी सजना खातिर, सजल बा नयनवो।
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जय-जय माईभाखा। जय-जय भोजपुरिया समाज।
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