बढ़ई-बढ़ई तूँ खूंटा चीरS....
राम-राम। चिरइया के मेहनतिया रंग ले आइल कहे के मतलब इ बा की "बढ़ई-बढ़ई तूँ खूंटा चीरS....खुंटवा में दालि बा, का खाईं, का पीं, का ले के परदेस जाईं...."ए खिस्सा के हमरी आवाज में सुने खातिर नीचे देहल...
View Articleनाव में का?
कहले से काम ना चली की नाव में का राखल बा?वइसे भी देस-दुनिया में बहुत-कुछ का, सबकुछ नउवे के ले के बा। नाव खातिर मनई का-का ना क देव? हँ, कुछ लोग सुनाम खातिर मरेला त कुछ लोग के लागेला कुनामे चली, पर नाव...
View Articleभोजपुरिया के? एगो लहमर सवाल बा......
भोजपुरिया के? भोजपुरिया के? ए पर अइले से पहिले एगो बिरतांत सुना देहल चाहबि। हमरा मोन परेला की पहिले जब बरदेखुआ आवे (आवेंसन) त लइका के केहू करीबी ओ बरदेखूअन से कहे की लइका की मामा की चचिआउत फूफा के दमाद...
View Articleएगो भोजपुरिया के चिट्ठी – माननीय पीएम जी की नावे
आदरणीय पीएमजी,सादर नमस्कार।इ सही बात बा की देस की सामने बहुत बड़हन-बड़हन समस्या मुँह बवले खड़ा बानीसन। बहुत सारा चुनौती बा रउरी सामने। रउआँ अपनी ओर से पूरा परयासो करतानीं। हँ, हो सकेला की राउर सोंच अउर...
View Articleसीधवा
रमेसर काका की सिधाई की चलते उनकी घर-परिवार के लोग उनके खोबसत रहेला। रमेसरो काका एतना सीधा, सोझबक हउअन की का कहल जाव। जब उ कवनो सीधाई काम करीहें त रमेसरी काकी के उनकर इ सिधाई उजबकई लागी अउर उ बरिस...
View Articleमन के बात - तीन
1. पचास बरिस से ऊपर हो गइल इहां सुराज अइले,तब्बो हालत इ बा, केहू खात-खात मुए, केहू मुए बिन खइले।जनता पानी में डूब रहल बा, अगुआ-अधिकारी हवा में उड़ रहल बा,भस्टाचार फल-फूल रहल बा, दुसासन चिर खींच रहल...
View Articleग्लोबल होत जाता भोजपुरी
आजु बिहानहीं-बिहानहीं मलिकाइन एगो कजरी गुनगुनात रहुवी, ‘सावन त आइल पर पिया नाहीं अइलें हो रामा, दुखवा के बदरी बरसे, जिया मोरे तरसे हो रामा.....।’मलिकाइन के इ गुनगुनाइल सुनि के हम कहि बइठुविं, “कवने...
View Articleबै! केहू अउर
खुदे काहें ना ?बरखा होता, कानो-माटी के दिन बा। जगहि-जगहि पानी जमा हो गइल बा। पैदल चलल त दुस्वार बा, कब कवनो चरपहिया भा दुपहिया आई अउर पानी-कीचड़ उड़ावत चलि जाई, कहल ना जा सके। अब देखीं न, रमेसर काका की...
View Articleराखी के तिउहार
भारत!बिबिधता से भरल एगो देस पर विविधता में एकता एकर पहिचान। ई बिबिधता ए के विसिस्टता से अबिभूत करेला, एकरी पारंपरिकता के दरसावेला, ए के महान बनावेला। भारत की अगर सांस्क्रितिक बिबिधता के बात होखे,...
View Articleफल त मिलबे करी
अच्छा के फल अच्छा अउर बुरा के फल बुरा मिलेला। कबो-कबो मनई के कवनो बुरा फल मिल जाला जवन उ कइले भी ना रहेला त ओकरा बहुत दुख होला की हम त हरदम अच्छा करेनी पर भगवान हमरी साथे एइसन काहें कइने?दरअसल होला ई...
View Article15 अगस्त मनाईं, ए मोदी बाबा हमरे.... (गीत)
15 अगस्त मनाईं ए मोदी बाबा हमरे,15 अगस्त मनाईं जी।15 अगस्त, 15 अगस्त, 15 अगस्त मनाईं जी।दुख-दरद सब भगाईं ए बाबा हमरे,15 अगस्त मनाईं जी।देसवा में नाहीं बाटे दनवा अउर पनिया,देखीं रोवतS मरता भारत के...
View Articleका इहे ह अच्छा दिन!
अच्छा दिन?का होला अच्छा दिन?केइसन होला अच्छा दिन?सच्चाई इ बा की हर मनई खातिर, हिंदुस्तानी खातिर अच्छा दिन के परिभासा अलग-अलग बा। अच्छा दिन ले आवे खातिर लोग चाहता की हम हाथ-पैर में तेल लगा के पलंगे पर...
View Articleनिनानबे के चक्कर
निनानबे के चक्कर।सुनले बानी की ना?अरे जरूर सुनले होखबि। सुनलहीं होखबि। सुनलहीं का, रउओं कहत होखबि की फलनवा निनानबे की चक्कर में पड़ी गइल बा। अउरी हाँ जे पड़ी गइल ए निनानवे की चक्कर में ओकर भूखी-पियासी...
View Articleखांचीभर नोट – गला फांड़ि के चिल्लाता
आजकल लछमिनिया के सब केहू खूब इयाद करता। अरे हम रमेसर काका की छोटकी लइकिया लछमिनिया के ना, रुपइया के बात करतानीं भाई। लछमी, धनलछमी के। का गाँव का सहर, हर ओर लछमिनिया के बोल बाला बा। लछमिनिया पर बन रहल...
View Articleरमदेइया काकी
हमरा लागता की अबहिन सूरजो देव के बिछौना छोड़ले में 2-3 घंटा के समय बा। अब हे जाड़-पल्ला में कवनेगां केहू भिनसहरे बिछौना से बहरिआव। हाड़ कंपा देवे वाला जाड़ पड़ता। पूरा देहिएं कठुआ जाता। अब देखीं ने...
View Articleसमय के मांग बा भाजपा
इ सही बात बा की केहू दूध के धोवल नइखे पर जवन उपलब्ध बा ओ में भाजपा नंबर वन बा। अब देखि लीं, आज की समय में सब पार्टियन में चाहें कंगरेस होखे भा कवनो छेतरीय पारटी, सबमें परिवारवाद हावी बा। आजु कांगरेस...
View Articleजोगीजी....धीरे-धीरे! जोगीजी.....बाह.....जोगीजी!
गाना-बजाना ना आवेला हमरा, पर गाना-बजाना सुनल बहुते नीक लागेला। हँ पर लोकगीतन, पुराना गीतन आदि के सुनल हम खूब पसंद करेनी। इ जवन सीर्सक बा- जोगीजीवाला, इहां इ गाना की रूप में नइखे, हम जोगीजी के बात...
View Articleजापान....की जा पान खाए
जापान एगो एइसन देस जवन बहुते कर्मठ अउर मेहनती ह। हमरा लागेला की खाली देस हित के बात कइले से केहू देसपरमी ना हो जाला भा देस, समाज के सुभचिंतक ना हो जाला। सही देसपरेमी उ हे ह जवन काम क के, मेहनत क के...
View Articleसंतुस्ति
ओई दिन रमेसर काका की लइका के तिलक रहे। तिलकहरून खातिर खूब बेवस्था भइल रहे। तरह-तरह के मिठाई त बनले रहनींसन खइले-पियले के भी अनघा इंतजाम कइल गइल रहे। हितनात की साथे-साथे पूरा गांव-गड़ा रमेसर काका की...
View Articleनीमन से झाड़-फूँक
सरधा होखहीं के चाहीं। दुनिया के चलावे में विस्वास के बहुत बड़हन हाथ बा पर दुनिया के सही तरे से चलावे में, दुनिया में नैतिकता के बनावे रखले में सरधा के बहुत बड़हन जोगदान बा। रउआँ खूब खेलीं, जहाँ मोन करे...
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